फ़ैन से लेकर ज्वैलरी तक, ब्रांडेड सामान का भारतीय बाज़ार में हिस्सा बढ़ रहा है.
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Author,निखिल इनामदार
पदनाम,बीबीसी न्यूज़, मुंबई
एक घंटा पहले
भारत की जनसंख्या क़रीब एक अरब 40 करोड़ है लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से एक अरब लोगों के पास ख़र्च के लिए पैसे नहीं हैं.

वेंचर कैपिटल फ़र्म ब्लूम वेंचर्स की इस ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में उपभोक्ता वर्ग जो कि ख़ास तौर पर व्यवसाय मालिकों या स्टार्ट अप का एक संभावित बाज़ार है, इसका आकार मेक्सिको की आबादी के बराबर या 13 से 14 करोड़ है.

इसके अलावा 30 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें “इमर्जिंग” या ‘आकांक्षी’ कहा जा सकता है, लेकिन वे ख़र्च करने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अभी ख़र्च करने की शुरुआत की है.

एक अरब भारतीयों के पास ख़र्च करने को नहीं हैं पैसे

रिपोर्ट के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के उपभोक्ता वर्ग का ‘प्रसार’ उतना नहीं हो रहा है जितना उसकी ‘ख़रीद की क्षमता’ बढ़ रही है. इसका मतलब यह है कि भारत की संपन्न आबादी की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है, बल्कि जो पहले से ही संपन्न हैं और अमीर हो रहे हैं.

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